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कांच का घर - हिंदी कहानी

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कांच का घर - हिंदी कहानी कांच का घर ✨ भाग 1: एक अनोखा गाँव बहुत समय पहले एक सुंदर सा गाँव था — नाम था सपनों का गाँव । यह गाँव अपने साफ पानी, हरे-भरे पेड़ों, और सीधे-सादे लोगों के लिए जाना जाता था। यहाँ हर किसी के घर एक जैसा नहीं था, लेकिन हर घर में प्यार था। पर इस गाँव में सबसे अजीब बात ये थी कि एक घर पूरी तरह कांच से बना था। दीवारें, दरवाज़े, छत — सब कुछ कांच का। इस घर में रहती थी एक छोटी बच्ची — आर्या । ✨ भाग 2: आर्या और उसका रहस्य आर्या का कोई दोस्त नहीं था। गाँव के बच्चे उससे दूर रहते थे क्योंकि वह किसी से बात नहीं करती थी। लेकिन उसकी एक आदत थी — वह हर रात अपने कांच के घर में बैठकर तारों से बात करती थी। उसकी माँ बचपन में गुजर गई थी और पिता एक वैज्ञानिक थे। उन्होंने ही यह घर बनाया था ताकि “दुनिया की सच्चाई दिखे बिना पर्दे के।” लेकिन आर्या इस सच्चाई से थक चुकी थी। ✨ भाग 3: एक नया दोस्त एक दिन गाँव में एक नया लड़का आया — नाम था कविन । वह शहर से आया था और थोड़ा अलग था। वह रोज़ आर्या के घर के पास से जाता और उसे देखता — एक लड़की जो किताबों...

5 नैतिक कहानियाँ // मेहनती चींटी // नम्रता की शक्ति //पुस्तक की अहमियत //

15 नैतिक कहानियाँ 5 नैतिक कहानियाँ (300 शब्दों में) 1. मेहनती चींटी गर्मियों में सभी चींटियाँ अपने घर के लिए अन्न जमा कर रही थीं। लेकिन एक टिड्डा मज़े से गा रहा था और कहता था कि अभी तो बहुत समय है। जब सर्दी आई, टिड्डा भूखा रह गया और उसे चींटियों से मदद मांगनी पड़ी। उन्होंने उसे समझाया कि मेहनत ही जीवन का आधार है। सीख: समय पर किया गया परिश्रम भविष्य को सुरक्षित बनाता है। 2. नम्रता की शक्ति एक बार दो किसान नदी किनारे अपने-अपने खेत सींच रहे थे। एक किसान विनम्र था, और दूसरा घमंडी। जब पानी कम पड़ा, विनम्र किसान ने अपना हिस्सा बाँट दिया। बदले में गाँववालों ने उसे सराहा और पंचायत ने उसकी मदद भी की। सीख: विनम्रता से सम्मान मिलता है, घमंड से नहीं। 3. सहनशीलता का पुरस्कार कक्षा में रोहित पर कुछ बच्चे बार-बार मज़ाक उड़ाते थे। वह कुछ नहीं कहता और शांति से पढ़ाई करता रहा। परीक्षा में वह अव्वल आया और वही बच्चे अब उसकी तारीफ़ करने लगे। सीख: सहनशीलता और धैर्य का फल मीठा होता है। 5. पुस्तक की अहमियत अनु ...

10 नैतिक कहानियाँ

10 नैतिक कहानियाँ 10 नैतिक कहानियाँ (300 शब्दों में) 1. सच्चाई का इनाम गाँव में एक लड़का रमेश था। स्कूल जाते वक्त उसे रास्ते में एक पर्स मिला, जिसमें पैसे और आधार कार्ड था। रमेश उसे लेकर सीधे पुलिस स्टेशन गया और पर्स जमा कर दिया। अगले दिन पुलिस ने मालिक को पर्स सौंपा और रमेश की ईमानदारी की तारीफ़ पूरे गाँव में हुई। सीख: ईमानदारी हमेशा सम्मान दिलाती है। 2. आलस का परिणाम राजू बहुत होशियार लड़का था लेकिन बहुत आलसी। पढ़ाई से भागता और हर काम टालता। एक दिन परीक्षा में फेल हो गया और उसके दोस्त पास हो गए। तब उसने समझा कि मेहनत के बिना सफलता नहीं मिलती। सीख: आलस सफलता का दुश्मन है। 3. पेड़ की पुकार एक गाँव में बहुत सारे पेड़ थे, लेकिन लोग अंधाधुंध कटाई कर रहे थे। कुछ सालों में गाँव में सूखा पड़ गया। तब सबको समझ आया कि पेड़ हमारे जीवन का आधार हैं। सीख: प्रकृति की रक्षा हमारा कर्तव्य है। 4. दोस्ती की सच्चाई रवि और अर्जुन अच्छे दोस्त थे। एक दिन अर्जुन मुसीबत में फँसा, तो रवि ने उसकी मदद की, जबकि बाकी लो...

🌱 सोनू और जादुई बीज // hindi jadui Kahani //नैतिक कहानियाँ

सोनू और जादुई बीज 🌱 सोनू और जादुई बीज एक छोटे से गाँव में सोनू नाम का एक प्यारा और समझदार बच्चा रहता था। वह हर समय कुछ नया सीखने की कोशिश करता था। लेकिन उसे एक आदत थी — वह जल्दी ही थक जाता और चीजें अधूरी छोड़ देता। एक दिन गाँव में एक साधु बाबा आए। उन्होंने बच्चों को बुलाया और सबको एक-एक बीज दिया। बाबा बोले, “यह एक जादुई बीज है। जो इसे सबसे अच्छे ढंग से उगाएगा, उसे विशेष इनाम मिलेगा।” सोनू बहुत उत्साहित था। उसने बीज को मिट्टी में लगाया और पहले दिन उसे बहुत ध्यान से पानी दिया। लेकिन तीन दिन बाद ही वह बोर हो गया और बीज की देखभाल करना छोड़ दिया। कुछ हफ्तों बाद बाबा वापस आए और सभी बच्चों से उनके पौधे दिखाने को कहा। किसी के पास फूल खिले थे, किसी के पास हरे-भरे पौधे। लेकिन सोनू का गमला सूखा पड़ा था। वह बहुत शर्मिंदा था और चुपचाप किनारे खड़ा था। बाबा सोनू के पास आए और बोले, “बेटा, क्या हुआ?” सोनू बोला, “मैंने शुरू में ध्यान दिया था लेकिन फिर भूल गया...” बाबा मुस्कराए और बोले, “यही सिखाने के लिए तो मैंने बी...

Raja Aur Chhotu Ki Khani // moral kahani for cartoon video

छोटू और सच्चाई का दीपक 🌟 छोटू और सच्चाई का दीपक 🌟 बहुत समय पहले की बात है। एक गाँव में छोटू नाम का एक प्यारा, समझदार और जिज्ञासु बच्चा रहता था। उसकी उम्र तो केवल 10 साल थी, लेकिन उसके मन में बड़े-बड़ों जैसी समझ और विचार थे। छोटू अपने माता-पिता के साथ एक छोटे से घर में रहता था। उसके पिता किसान थे और माँ घर का काम करती थीं। छोटू स्कूल जाता था, लेकिन सबसे ज़्यादा उसे कहानियाँ सुनना और सच्चाई के बारे में जानना पसंद था। एक दिन गाँव के प्रधान ने सब बच्चों को बुलाया और कहा, “हमारे गाँव में एक रहस्यमय दीपक है। कहते हैं, जो बच्चा सच्चाई के रास्ते पर चलेगा, वही उस दीपक को पा सकेगा। और वह दीपक जब जलता है, तो जीवन में सच्चाई, ज्ञान और उजाला भर जाता है।” छोटू के मन में जिज्ञासा और जोश जाग उठा। उसने अपने माता-पिता से पूछा, “क्या मैं भी उस दीपक को खोजने जा सकता हूँ?” माँ ने मुस्कराकर कहा, “अगर तुम सचमुच सच्चे मन से सच्चाई का दीपक ढूँढना चाहते हो, तो जाओ बेटा। लेकिन याद रखना, रास्ते में तुम्हारी परीक्षा होगी – झूठ, लालच, डर और क्रोध तुम्हें...

👑राजा और किसान की समझदारी-MORE KAHANI // HINDI MORAL STORY

नैतिक कहानियाँ - बच्चों के लिए बच्चों के लिए नैतिक कहानियाँ 1. राजा और किसान की समझदारी बहुत समय पहले की बात है, एक राज्य में एक राजा था जिसे अपने खजाने की बड़ी चिंता रहती थी। वह हमेशा सोचता था कि लोग कर चुकाते हैं या नहीं। एक दिन उसने यह जानने के लिए एक योजना बनाई। उसने अपने मंत्री को आदेश दिया कि वह राज्य के हर गाँव में एक किसान को बुलवाए और उनसे पूछे कि वे अपने खेतों से क्या उपजते हैं और कर कैसे देते हैं। एक छोटे से गाँव से एक बुद्धिमान किसान आया। राजा ने उससे पूछा, "तुम क्या उपजते हो?" किसान बोला, "महाराज, हम अपने खेत में ईमानदारी उपजते हैं।" राजा चौंक गया और हँसते हुए बोला, "क्या मतलब है तुम्हारा?" किसान ने उत्तर दिया, "महाराज, हमारे गाँव में हम सब ईमानदारी से काम करते हैं। जो अनाज होता है, उसका उचित हिस्सा हम खजाने में देते हैं और बाकी अपने परिवार को देते हैं। हम चोरी नहीं करते, न झूठ बोलते हैं। इसलिए हमारी सबसे बड़ी फसल ईमानदारी है।" राजा ने उसकी बातों से बहुत प्रभावित होकर पूरे गाँव को इनाम दिया। सीख: ईम...

👦🏻नैतिक कहानिय // CARTOON VIDEO KE BEST CARTOON SCRIPT //

नैतिक कहानियाँ 1. सच की ताक़त एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था – नाम था अर्जुन। वह बहुत होशियार और मेहनती था, लेकिन उसका एक दोष था – वह कभी-कभी झूठ बोल देता था, वह सोचता था कि छोटे-छोटे झूठ से कोई नुकसान नहीं होता। एक दिन गाँव के राजा ने घोषणा की – “जो भी मेरी खोई हुई अंगूठी ढूंढ़कर लाएगा, उसे इनाम मिलेगा।” अर्जुन को पता चला कि अंगूठी महल के बगीचे में गिर गई है। वह रात को वहाँ गया और अंगूठी ढूंढ़ ली। लेकिन वह अगले दिन झूठ बोलकर कहने लगा कि उसे अंगूठी जंगल में मिली थी। राजा ने उसे इनाम दिया, लेकिन तभी बगीचे का माली बोला, “मैंने इस लड़के को कल रात बगीचे में देखा था।” राजा को शक हुआ और उन्होंने सच्चाई पता करवाई। जब अर्जुन से पूछताछ हुई, वह डर गया और सच बोल दिया। राजा ने इनाम तो वापस ले लिया, लेकिन उसे माफ़ कर दिया। अर्जुन ने उसी दिन से ठान लिया कि वह अब कभी झूठ नहीं बोलेगा। सीख: सच चाहे कितना भी कठिन क्यों न हो, अंत में वही विजयी होता है। 2. दो दोस्तों की परीक्षा दो सच्चे दोस्त थे – रवि और सुरेश। दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे, एक ही गली में रहते ...