10 नैतिक कहानियाँ
10 नैतिक कहानियाँ (300 शब्दों में)
1. सच्चाई का इनाम
गाँव में एक लड़का रमेश था। स्कूल जाते वक्त उसे रास्ते में एक पर्स मिला, जिसमें पैसे और आधार कार्ड था। रमेश उसे लेकर सीधे पुलिस स्टेशन गया और पर्स जमा कर दिया। अगले दिन पुलिस ने मालिक को पर्स सौंपा और रमेश की ईमानदारी की तारीफ़ पूरे गाँव में हुई।
सीख: ईमानदारी हमेशा सम्मान दिलाती है।
2. आलस का परिणाम
राजू बहुत होशियार लड़का था लेकिन बहुत आलसी। पढ़ाई से भागता और हर काम टालता। एक दिन परीक्षा में फेल हो गया और उसके दोस्त पास हो गए। तब उसने समझा कि मेहनत के बिना सफलता नहीं मिलती।
सीख: आलस सफलता का दुश्मन है।
3. पेड़ की पुकार
एक गाँव में बहुत सारे पेड़ थे, लेकिन लोग अंधाधुंध कटाई कर रहे थे। कुछ सालों में गाँव में सूखा पड़ गया। तब सबको समझ आया कि पेड़ हमारे जीवन का आधार हैं।
सीख: प्रकृति की रक्षा हमारा कर्तव्य है।
4. दोस्ती की सच्चाई
रवि और अर्जुन अच्छे दोस्त थे। एक दिन अर्जुन मुसीबत में फँसा, तो रवि ने उसकी मदद की, जबकि बाकी लोग भाग गए। अर्जुन को सच्चे दोस्त की पहचान हो गई।
सीख: सच्चा दोस्त वही जो मुश्किल में साथ दे।
5. छोटा काम बड़ा सम्मान
राहुल झाड़ू-पोंछे का काम करता था लेकिन इमानदारी से। एक दिन एक अधिकारी ने उसकी मेहनत देखकर उसे स्थायी नौकरी दे दी। उसका जीवन बदल गया।
सीख: कोई भी काम छोटा नहीं होता।
6. झूठ का अंत
एक बार की बात है, एक गांव में मोहन नाम का लड़का बार-बार गांववालों को बेवजह डराने के लिए झूठ बोलता था कि भेड़िया आया है। लोग दौड़कर आते और देखते कि कुछ नहीं है। एक दिन सच में भेड़िया आ गया, लेकिन किसी ने उसकी बात पर यकीन नहीं किया और उसकी भेड़ों को भेड़िया खा गया।
सीख: झूठ की आदत अंत में नुकसान देती है।
7. समय का मूल्य
नीलम एक होशियार लड़की थी लेकिन समय का सही उपयोग नहीं करती थी। परीक्षा पास आ गई, लेकिन वह पढ़ाई नहीं कर पाई। परिणाम आया और वह फेल हो गई। तब उसने समझा कि अगर समय पर मेहनत की होती, तो उसका भविष्य उज्ज्वल होता।
सीख: समय सबसे कीमती धन है, इसे व्यर्थ न गवाएं।
8. सहानुभूति का असर
रवि एक दिन स्कूल जाते समय एक बूढ़े व्यक्ति को रास्ते में गिरा हुआ देखता है। लोग निकलते जा रहे थे लेकिन रवि रुका, उन्हें उठाया और पानी दिया। यह देखकर बाकी लोग भी मदद को आए। बूढ़े व्यक्ति ने रवि को आशीर्वाद दिया।
सीख: दूसरों के प्रति सहानुभूति रखना एक महान गुण है।
9. मेहनत का फल
सीमा एक गरीब लड़की थी, जो पढ़ाई में मेहनत करती थी। उसके पास किताबें भी नहीं थीं, फिर भी वह स्कूल में सबसे आगे रहती थी। उसकी मेहनत देखकर एक NGO ने उसकी फीस माफ कर दी और उसे छात्रवृत्ति दी।
सीख: सच्ची मेहनत का फल ज़रूर मिलता है।
10. अहंकार का पतन
सुरेश को अपनी दौलत और ज्ञान पर बहुत घमंड था। एक दिन वह सभा में सबको नीचा दिखा रहा था। तभी एक साधु ने उससे सरल प्रश्न पूछे, जिनका उत्तर वह नहीं दे सका। लोग हँस पड़े और उसे समझ आया कि घमंड दिखाना मूर्खता है।
सीख: अहंकार कभी किसी का भला नहीं करता।
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