5 नैतिक कहानियाँ // मेहनती चींटी // नम्रता की शक्ति //पुस्तक की अहमियत //
5 नैतिक कहानियाँ (300 शब्दों में)
1. मेहनती चींटी
गर्मियों में सभी चींटियाँ अपने घर के लिए अन्न जमा कर रही थीं। लेकिन एक टिड्डा मज़े से गा रहा था और कहता था कि अभी तो बहुत समय है। जब सर्दी आई, टिड्डा भूखा रह गया और उसे चींटियों से मदद मांगनी पड़ी। उन्होंने उसे समझाया कि मेहनत ही जीवन का आधार है।
सीख: समय पर किया गया परिश्रम भविष्य को सुरक्षित बनाता है।
2. नम्रता की शक्ति
एक बार दो किसान नदी किनारे अपने-अपने खेत सींच रहे थे। एक किसान विनम्र था, और दूसरा घमंडी। जब पानी कम पड़ा, विनम्र किसान ने अपना हिस्सा बाँट दिया। बदले में गाँववालों ने उसे सराहा और पंचायत ने उसकी मदद भी की।
सीख: विनम्रता से सम्मान मिलता है, घमंड से नहीं।
3. सहनशीलता का पुरस्कार
कक्षा में रोहित पर कुछ बच्चे बार-बार मज़ाक उड़ाते थे। वह कुछ नहीं कहता और शांति से पढ़ाई करता रहा। परीक्षा में वह अव्वल आया और वही बच्चे अब उसकी तारीफ़ करने लगे।
सीख: सहनशीलता और धैर्य का फल मीठा होता है।
5. पुस्तक की अहमियत
अनु को पढ़ाई में रुचि नहीं थी, वह मोबाइल में ही समय बिताती थी। उसकी माँ ने एक दिन उसे लाइब्रेरी ले जाकर रोचक कहानियों की किताबें दीं। धीरे-धीरे अनु को पढ़ने में आनंद आने लगा और उसकी आदत बदल गई। वह पढ़ाई में अव्वल आने लगी।
सीख: किताबें इंसान की सबसे अच्छी मित्र होती हैं।
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