ईमानदार लकड़हारा – प्रेरणादायक हिंदी नैतिक कहानी | Honest Woodcutter Moral Story in Hindi
🪵💧 ईमानदार लकड़हारा
एक घने जंगल के पास एक गरीब लेकिन ईमानदार लकड़हारा रहता था। वह रोज़ सुबह जंगल में जाता और पेड़ों की लकड़ियाँ काटकर उन्हें बेचकर अपना और अपने परिवार का पेट पालता था। उसका जीवन कठिनाइयों से भरा था, लेकिन वह कभी किसी को धोखा नहीं देता था।
एक दिन वह पेड़ काटते-काटते एक नदी के किनारे पहुँचा। वह बहुत थका हुआ था, इसलिए थोड़ा विश्राम करने के लिए बैठ गया। जब वह पानी पीने झुका, तब उसका कुल्हाड़ी नदी में गिर गई। वह बहुत घबरा गया क्योंकि उसके पास वही एकमात्र कुल्हाड़ी थी जिससे उसका गुज़ारा होता था। वह नदी किनारे बैठकर रोने लगा।
तभी नदी से एक देवता प्रकट हुए। उन्होंने लकड़हारे से पूछा, “तुम क्यों रो रहे हो?” लकड़हारे ने पूरी ईमानदारी से अपनी समस्या बताई। देवता ने नदी में जाकर एक **सोने की कुल्हाड़ी** निकाली और पूछा, “क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?” लकड़हारे ने कहा, “नहीं।” फिर देवता ने **चाँदी की कुल्हाड़ी** दिखाई। लकड़हारे ने फिर कहा, “नहीं, यह भी मेरी नहीं है।” अंत में देवता ने **लोहे की कुल्हाड़ी** दिखाई। लकड़हारे की आँखों में चमक आ गई और उसने कहा, “हाँ! यही मेरी कुल्हाड़ी है।”
देवता उसकी ईमानदारी से बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने उसे तीनों कुल्हाड़ियाँ इनाम में दे दीं। लकड़हारा बहुत खुश हुआ और धन्यवाद कहकर घर लौट आया। उसकी ईमानदारी ने उसका जीवन बदल दिया।
सीख: ईमानदारी हमेशा फल देती है, चाहे परिस्थिति कैसी भी हो।
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