10 सर्वश्रेष्ठ नैतिक कहानियाँ | बच्चों के लिए हिंदी में सीख देने वाली कहानियाँ
1. बंदर और बुद्धिमान बकरी
एक बार की बात है, एक जंगल में एक तेज-तर्रार लेकिन घमंडी बंदर रहता था। वह रोज़ सभी जानवरों का मज़ाक उड़ाता और खुद को सबसे बुद्धिमान मानता था। जंगल के किनारे एक बकरी भी रहती थी जो शांत और समझदार थी। एक दिन जंगल में भीषण आग लग गई। सारे जानवर डर के मारे इधर-उधर भागने लगे। बंदर भी जान बचाने के लिए भागा, लेकिन रास्ता भूल गया और आग के बीच फँस गया। उसने मदद के लिए चिल्लाया, लेकिन कोई पास नहीं आया। तभी बकरी वहाँ पहुँची। वह जानती थी कि पास की नदी तक जाने का एक सुरक्षित रास्ता है। उसने बंदर की मदद की और दोनों सुरक्षित नदी तक पहुँच गए। बंदर शर्मिंदा हुआ और बकरी से माफी माँगी। बकरी मुस्कराई और बोली, "घमंड कभी काम नहीं आता, समझदारी और विनम्रता ही सच्ची ताकत है।" उस दिन से बंदर बदल गया और सबका आदर करने लगा।
सीख: घमंड नहीं, विनम्रता सच्ची ताकत है।
2. चतुर लोमड़ी और कुआँ
गर्मियों की दोपहर थी, एक प्यासा भेड़िया पानी की तलाश में भटक रहा था। उसे एक पुराना कुआँ मिला जिसमें थोड़ा पानी था, लेकिन नीचे उतरने का रास्ता नहीं था। तभी वहाँ एक चालाक लोमड़ी आई। भेड़िए ने उससे मदद मांगी। लोमड़ी ने कहा, "अगर मैं नीचे उतरकर तुम्हें पानी देती हूँ तो मैं खुद बाहर कैसे आऊँगी?" भेड़िया बोला, "तुम मेरे ऊपर चढ़कर बाहर आ सकती हो।" लोमड़ी ने उसकी बात मान ली और नीचे उतर गई। उसने पानी पीया और भेड़िये से कहा, "अब तुम नीचे आओ और मैं तुम्हारे ऊपर चढ़कर बाहर निकल जाऊँगी।" भेड़िया नीचे कूदा और जैसे ही लोमड़ी उसके ऊपर चढ़ी, उसने छलांग लगाई और कुएँ से बाहर निकल गई। बाहर आते ही वह बोली, "चतुराई से सोचो, जल्दबाज़ी मत करो।" भेड़िया पछताया लेकिन अब बहुत देर हो चुकी थी।
सीख: हर निर्णय सोच-समझ कर लेना चाहिए।
3. किसान और उसका सपना
एक गरीब किसान रोज़ खेत में मेहनत करता था लेकिन वह हमेशा सपने देखता रहता कि अगर उसके पास पैसा होता तो वह क्या करता। एक दिन उसने एक घड़ा चावल से भरा और सोचा, "इसे बेचकर पैसे कमाऊँगा, फिर मुर्गियाँ खरीदूँगा, उनके अंडों से और पैसे कमाऊँगा, फिर एक दुकान खोलूँगा।" सोचते-सोचते उसने पैर मारे और घड़ा गिरा दिया। सारा चावल बिखर गया और उसका सपना टूट गया। उसकी पत्नी ने देखा और हँसते हुए बोली, "सपने देखो, लेकिन धरती पर खड़े रहकर।" किसान को समझ आ गया कि बिना मेहनत के सिर्फ कल्पना करना व्यर्थ है। वह अगले दिन से और मेहनत करने लगा और धीरे-धीरे उसकी हालत सुधरने लगी।
सीख: सपने ज़रूरी हैं, लेकिन मेहनत उनके लिए और ज़रूरी है।
4. राजा और बुद्धिमान साधु
एक राजा हमेशा परेशान रहता था और कहता था कि उसके राज्य में सुख नहीं है। उसने एक दिन एक साधु को बुलाया और पूछा, "मैं सबकुछ होते हुए भी दुखी क्यों हूँ?" साधु ने मुस्कराते हुए कहा, "राजन, एक दिन भूखे रहकर, गरीबों के बीच बैठकर खाना खाइए।" राजा ने वैसा ही किया। वह दिन भर भूखा रहा और शाम को गरीबों के साथ जमीन पर बैठा। जब उसने एक रोटी खाई, तो उसे स्वाद जीवन का सबसे अच्छा लगा। उसने साधु से कहा, "आज मैं सच्चा सुख महसूस कर रहा हूँ।" साधु ने उत्तर दिया, "सच्चा सुख बाहर नहीं, भीतर से आता है।" राजा ने सीखा कि दौलत से नहीं, सादगी और सेवा से खुशी मिलती है।
सीख: असली खुशी भौतिक वस्तुओं में नहीं, आत्मिक संतोष में है।
5. आलसी छात्र की समझदारी
रवि एक छात्र था जो हमेशा पढ़ाई से दूर भागता था। वह कहता था कि किस्मत से ही सब कुछ होता है। एक दिन परीक्षा में वह बिल्कुल फेल हो गया। उसके पिता ने उसे एक लकड़ी दी और कहा, "इसे काटकर मेज़ बना दो।" रवि ने कहा, "मुझे नहीं आता।" पिता बोले, "जैसे बिना अभ्यास के मेज़ नहीं बन सकती, वैसे ही बिना पढ़ाई के जीवन नहीं बनता।" रवि को बात समझ में आ गई। उसने मेहनत शुरू की और अगले वर्ष वह कक्षा में प्रथम आया।
सीख: अभ्यास ही सफलता की कुंजी है।
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